उ0प्र0 पुनर्गठन अधिनियम 2000 (अधिनियम संख्या 29 सन् 2000) की धारा 87 के प्राविधानों के अन्तर्गत मा0 मंत्री परिशद की दिनांक 31.07.2002 की बैठक में लिये गये निर्णय के क्रम में उत्तराखण्ड शासन की अधिसूचना संख्या 3387 दिनांक 17 अगस्त, 2002 द्वारा उत्तराखण्ड खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड का गठन किया गया।
उत्तराखण्ड बोर्ड में 6 सरकारी एवं 7 गैर सरकारी सदस्य का ढाॅचा
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मा0 मंत्री जी, लघु उद्योग, खादी एवं ग्रामोद्योग - पदेन अध्यक्ष
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प्रमुख सचिव/सचिव उद्योग - सरकारी सदस्य
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प्रमुख सचिव/सचिव वित्त - सरकारी सदस्य
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प्रमुख सचिव/सचिव ग्राम्य विकास - सरकारी सदस्य
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राज्य निदेशक, खादी और ग्रामोद्योग आयोग - सरकारी सदस्य
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मुख्य कार्यपालक अधिकारी खादी बोर्ड - सरकारी सदस्य
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अपर निदेशक, उद्योग उत्तराखण्ड - विशेष आमंत्रित सदस्य
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07 गैर सरकारी सदस्य
बोर्ड के कार्य
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प्रदेश में खादी तथा ग्रामोद्योगों का आयोजन, उनका संगठन विकास एवं विधिनियम करना तथा अपने द्वारा बनाई गई योजनाओं का क्रियान्वयन करना।
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खादी के उत्पादों एवं अन्य ग्रामोद्योगों में लगे हुये अथवा उसमें अभिरूचि रखने वाले व्यक्तियों के प्रशिक्षण की योजना तैयार कर कुटीर उद्योगों की स्थापना कर रोजगार उपलब्ध कराना।
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कच्चे माल तथा उपकरणों को जुटाने के लिये सुरक्षित भण्डार बनाना और उन्हें खादी के उत्पादन अथवा ग्रामोद्योगों में लगे हुये व्यक्तियों को उपलब्ध कराना।
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खादी ग्रामोद्योगी वस्तुओं के प्रचार तथा क्रय-बिक्रय की व्यवस्था करना।
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खादी उत्पादन की गतिविधियों में अनुसंधान करना एवं अन्य ग्रामोद्योगी विकास से सम्बन्धित समस्याओं का समाधान सुझाना।
उत्तराखण्ड खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड की विभागीय गतिविधियो का विवरण
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उत्तराखण्ड खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड का मुख्यालय भोपालपानी देहरादून में स्थापित किया गया।
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जनपदों में खादी एवं ग्रामोद्योग की योजनाओं के प्रशासनिक नियन्त्रण रखने हेतु पौड़ी गढ़वाल एवं कालाढॅूगी नैनीताल में परिक्षेत्रीय कार्यालय स्थापित है।
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खादी ग्रामोद्योग की विभिन्न योजनाओं में लाभार्थियों को प्रशिक्षण देने के उद्देष्य से गढवाल एवं कुमाँऊ में मण्डलीय ग्रामोद्योग प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित है।
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ग्रामोद्योग की योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु उत्तराखण्ड राज्य के समस्त 13 जनपदों में जिला ग्रामोद्योग कार्यालय स्थापित है।
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खादी तथा ग्रामोद्योगी वस्तुओं का उत्पादन कराना , उनके लिये सहायता देना तथा प्रोत्साहित करना।
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उत्तराखण्ड ऊन योजना का क्रियावन्यन के लिये क्षेत्रीय अधीक्षक उद्योग (ऊन) अल्मोड़ा, चम्बा (टिहरी) व श्रीनगर गढवाल केन्द्र स्थापित किया गया है।
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उत्तराखण्ड खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के 20 उत्पादन केन्द्र 09 कलस्टर केन्द्र व 10 बिक्री भण्डार संचालित है।
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उत्तराखण्ड खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड की सूती वस्त्र तैयार करने हेतु लोकवस्त्र इकाई जसपुर (उधमसिंहनगर) केन्द्र स्थापित है।